
पहलगाम के पास बैसरन घाटी में हुए आतंकी हमले को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। जांच एजेंसियों के अनुसार, यह हमला प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (LeT) से संबद्ध एक सक्रिय मॉड्यूल ने अंजाम दिया, जिसमें अधिकांश विदेशी आतंकवादी शामिल थे।
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हमला हाफिज सईद के इशारे पर, स्थानीय स्लीपर सेल से मिली मदद
सूत्रों के मुताबिक, यह मॉड्यूल लश्कर प्रमुख हाफिज सईद के सीधे संपर्क में था और घाटी के स्थानीय स्लीपर सेल्स द्वारा इस हमले में उन्हें पूरी सहायता मिली। हमला सुनियोजित था और बैसरन घाटी में तीन अलग-अलग स्थानों पर अंजाम दिया गया। एक स्थान पर एक साथ पांच लोगों की हत्या, दूसरे में दो को खुले मैदान में गोली, और तीसरे में बाड़ के पास छिपे नागरिकों को निशाना बनाया गया।
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हमले में हाशिम मूसा और अली भाई की संलिप्तता
पुलिस ने हमले से जुड़े तीन आतंकवादियों के स्केच जारी किए हैं:
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हाशिम मूसा उर्फ सुलेमान (पाकिस्तानी नागरिक)
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अली भाई उर्फ तल्हा (पाकिस्तानी नागरिक)
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अब्दुल हुसैन थोकर (अनंतनाग निवासी)
इनमें हाशिम मूसा को इस हमले का मुख्य साजिशकर्ता माना जा रहा है।
हमला प्लान करने वाले मॉड्यूल के पुराने लिंक
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जुनैद अहमद भट्ट, कुलगाम का A+ कैटेगरी लश्कर आतंकी, सोनमर्ग हत्याकांड के बाद दिसंबर 2024 में मारा गया था।
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अक्टूबर 2024 में, बूटा पथरी और सोनमर्ग में भी हमले हुए, जिनमें सेना के जवान, डॉक्टर और श्रमिक मारे गए थे।
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यह मॉड्यूल घाटी के जंगलों में सक्रिय रहता है और हर बड़े हमले के बाद भूमिगत हो जाता है।
पाकिस्तान से सीधा कंट्रोल
भारतीय खुफिया एजेंसियों का मानना है कि इस मॉड्यूल को पाकिस्तानी सेना, ISI, और हाफिज सईद के डिप्टी सैफुल्लाह से सामरिक और रसद समर्थन मिलता है। यह मॉड्यूल कश्मीरी ओवरग्राउंड वर्कर्स और लोकल आतंकियों के सहारे भारत में आतंक फैलाने में जुटा है।